
अमेरिका की पर्ड्यू यूनिवर्सिटी में ChatGPT के संदर्भ में एक दावा किया गया है कि इस AI आधारित उपकरण पर सद्भाव में अधिकता नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह उपकरण सभी प्रश्नों के सही उत्तर प्रदान नहीं करता है। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि ChatGPT के प्रयोगकर्ता हाल के दिनों में तेजी से कम हो गए हैं। यह स्थिति कंपनी के लिए खासी आवाज़न हो गई है। अमेरिका की पर्ड्यू यूनिवर्सिटी में ChatGPT पर किए गए अनुसंधान में उसकी उचितता को लेकर सवाल किए गए हैं। अनुसंधान के दौरान ChatGPT से कई प्रश्नों के उत्तर मांगे गए थे, जिनमें करीब 52 प्रतिशत के प्रश्नों के उत्तर गलत थे।
52 प्रतिशत प्रश्नों में गलतियां
अमेरिका की पर्ड्यू यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार, ChatGPT पर 517 प्रश्न पूछे गए और उनका अध्ययन किया गया। इस अध्ययन से पता चला कि यह AI उपकरण प्रश्नों के पीछे छिपे आवश्यकता को समझने में सक्षम नहीं है। इसका परिणामस्वरूप, इसके अधिकांश प्रश्नों के उत्तरों में गलतियां दिखाई दीं। अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने इस उपकरण की सीमित तर्क-शक्ति पर सवाल उठाया और इसके बाद उन्होंने बताया कि तेजी से मूल्यांकन और मानव-संवादी फाइन-ट्यूनिंग के माध्यम से ChatGPT की जाँच में सुधार किया जा सकता है। इन सभी दोषों को ठीक करने की आवश्यकता है।
खर्च कितना होता है?
हाल ही में दावा किया गया है कि ChatGPT के प्रयोगकर्ताओं की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। आँकड़ों के अनुसार, जून महीने में 1.7 बिलियन लोगों ने इस AI उपकरण का उपयोग किया था, लेकिन जुलाई के बाद यह संख्या 1.5 बिलियन तक घट गई है। रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है कि पिछले महीने ChatGPT प्रयोगकर्ताओं की संख्या में तेजी से गिरावट आई है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो ChatGPT के खराब दिन नजदीक हैं। आपको आश्चर्य हो सकता है कि OpenAI के लिए अभी तक फायदेमंद नहीं है, और इसके अलावा इसे चालने के लिए लगभग 700,000 अमेरिकी डॉलर का खर्च आ रहा है।