
2023 में रक्षाबंधन: राखी का उत्सव हिंदू धर्म में एक अत्यधिक पवित्र उत्सव माना जाता है। इस उत्सव से भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूती मिलती है। रक्षा बंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और सदैव उनकी रक्षा का प्रतिज्ञान देते हैं। यह पवित्र उत्सव भारत और अन्य देशों में, जहां हिंदू धर्म के अनुयायी रहते हैं, मनाया जाता है। वास्तु शास्त्र में राखी बांधने से लेकर उतारने तक के नियम दिए गए हैं। तो आइए, भोपाल निवासी ज्योतिषी और वास्तु सलाहकार हितेंद्र कुमार शर्मा से जानें कि रक्षा बंधन के बाद राखी की देखभाल कैसे करनी चाहिए और कौन सी गलतियाँ बचनी चाहिए।
- कई लोग रक्षाबंधन के बाद राखी को आमतौर पर उतारकर फेंक देते हैं, लेकिन ऐसा करना यथाशक्ति नहीं है। वास्तु शास्त्र का मानना है कि यह कार्रवाई भाई-बहन के रिश्ते को असंगत प्रभावित करती है। इसलिए इसे बचाने का प्रयास करें।
- भगिनी द्वारा भाई की कलाई पर बांधी जाने वाली राखी एक रक्षा सूत्र की भूमिका निभाती है, जिसमें मान्यता है कि राखी द्वारा भाई की हर स्थिति में रक्षा होती है।
- कई लोग राखी को उतारते समय उसे तोड़ देते हैं, लेकिन ऐसा करने में विफलता प्राप्त करते हैं। राखी को ध्यानपूर्वक उतारने के बाद साबुत राखी को लाल कपड़े में बांधकर उसे विशिष्ट स्थान पर रखें, जहां भाई-बहन से संबंधित वस्तुएं रखी जाती हैं।
- लाल कपड़े में बांधकर रखी गई इस राखी को अगले वर्ष रक्षाबंधन पर बहते हुए जल में प्रवाहित किया जाता है। इस प्रक्रिया से भाई-बहन के रिश्ते में मजबूती आती है।
- अगर आपकी कलाई पर बांधी हुई राखी किसी कारणवश टूट जाती है, तो ऐसे में उसे घर में न रखें। इस तरह की राखी को किसी पेड़ के नीचे या जल में अर्पित करें। उसके साथ 1 सिक्का भी रखें।
- हिंदू परंपराओं के अनुसार, खंडित राखी को किसी पेड़ या जल में प्रवाहित करने से घर में बरकत बनी रहती है और भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम और शान्ति आती है।