
भारतीय इतिहास के पृष्ठभूमि में, आज के दिन को सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसका महत्व इससे समझना दुनिया के बड़े देशों के लिए भी मुश्किल है। आज भारत का चंद्रयान-3 ने सफलतापूर्वक चांद पर कदम रखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के प्रमुख एस. सोमनाथ को बधाई दी और उनके समृद्धि के उद्घाटन की बात कही। PM Modi ने उनके व्यक्तिगत आशीर्वाद देने की इच्छा व्यक्त की कि वह जल्द ही बेंगलुरु जाकर पूरी टीम को बधाई देंगे।
यह महत्वपूर्ण है कि इस समय पर, प्रधानमंत्री मोदी जोहानिसबर्ग में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद, पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया और बताया कि यह भारत के लिए गर्व का पल है। उन्होंने इसरो और चंद्रयान-3 की टीम को प्रशंसा दी और उनकी मेहनत की महत्वपूर्णता को मान्यता दी। उनके भाषण में व्यक्त हुआ कि भारत अब और भी उच्च लक्ष्यों की ओर बढ़ रहा है, और अगला मंजिल है सूर्य। सितंबर में, भारत ने अदित्य एल-1 (Aditya L-1) मिशन को लॉन्च करने की तैयारी की है, जो सूर्य और उसके रहस्यों की पर्दाफाश करेगा।
अदित्य एल-1 मिशन के अलावा, इसरो “गगनयान” नामक मानव अंतरिक्ष फ्लाइट मिशन पर काम कर रहा है। इस मिशन का उद्देश्य मानवों को अंतरिक्ष में भेजना है, और यह तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें अंतिम चरण में मानवों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इस मिशन के लिए, भारतीय वायुसेना के जवानों का चयन किया गया है, जिन्हें रूस भेजकर प्रशिक्षित किया जाएगा। इन्हें “गगनॉट्स” कहा जाएगा, जो एस्ट्रोनॉट्स की जगह लेंगे। 2024 में, भारत का मिशन है कि वह शुक्र ग्रह पर अपना ध्वज लहराए। इस मिशन को “शुक्रयान-1” के नाम से जाना जाएगा। 2025 में, इसरो का मंगल ऑर्बिटर मिशन-2 के लिए तैयारी में है। यह मिशन संभावित है कि 2025 में लॉन्च किया जा सके।