
शब्दों के माध्यम से व्यक्ति अपने विचारों को साझा करते हैं, और जब ऐसा आयकर रिटर्न (ITR) की बात हो, तो यह आर्थिक सुसंगति की एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में बताया कि आईटीआर फाइलिंग के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले नौ सालों में औसत आय का त्रि-गुना वृद्धि हुई है। यह वृद्धि यह सूचित करती है कि भारत में विभिन्न क्षेत्रों में मज़बूती बढ़ी है और नौकरी के अवसर भी बढ़े हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी उजागर किया कि 2014 से पहले देश में भ्रष्टाचार और घोटालों का दौर था, जब गरीबों के अधिकार और धन के अपहरण की प्रथा चल रही थी। लेकिन अब, हर रुपया सीधे उनके बैंक खातों में पहुंच रहा है।
बीपीएल से 13.5 करोड़ लोग उद्धारित
प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो संदेश के माध्यम से ‘मध्य प्रदेश रोजगार मेले’ को संबोधित करते हुए बताया कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पांच सालों में 13.5 करोड़ लोग बीपीएल (बीपीएल) कैटेगरी से बाहर आए हैं। वे यह भी बताए कि ‘अमृत काल’ की शुरुआत में ही सकारात्मक समाचार सुनाई देने लगे हैं, जो समृद्धि की ऊंचाइयों की ओर इशारा करते हैं और गरीबी कम हो रही है।
औसत आय में तीन गुना वृद्धि
प्रधानमंत्री ने बताया कि आयकर रिटर्न (ITR) के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले नौ सालों में भारतीयों की औसत आय चार लाख रुपये से बढ़कर तेरह लाख रुपये हो गई है। उन्होंने बताया कि लोग नीचे से ऊपर की ओर आर्थिक गतिशीलता की ओर बढ़ रहे हैं। मोदी ने कहा कि आंकड़ों से स्पष्ट हो रहा है कि सभी क्षेत्रों में प्रगति हो रही है और नौकरी के अवसर बढ़ रहे हैं।
इकॉनॉमी रैंकिंग में उच्चतम पायदान पर
प्रधानमंत्री ने बताया कि लोगों की आत्मविश्वास बढ़ती जा रही है। वे अब यकीन कर रहे हैं कि उनका निवेश देश के विकास में ही नहीं, बल्कि उनके आत्मा के विकास में भी सहायक हो रहा है। भारत की इकॉनॉमी दुनिया में 2014 में 10वें स्थान से अब 5वें स्थान पर पहुँच गई है। 2014 से पहले भ्रष्टाचार और घोटालों के युग में गरीबों के अधिकार और धन को लूट लिया जाता था। अब, हर रुपया सीधे उनके खातों में पहुँच रहा है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि निवेश के परिणामस्वरूप नए रोज़गार के अवसर पैदा हुए हैं और 2014 के बाद भारत में पांच लाख नए कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए गए हैं, जिससे कई लोगों को रोजगार मिला है। इसी मौके पर, 5,580 नए शिक्षकों की नियुक्ति हुई है।
शब्दों के माध्यम से व्यक्ति अपने विचारों को साझा करते हैं, और जब ऐसा आयकर रिटर्न (ITR) की बात हो, तो यह आर्थिक सुसंगति की एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में बताया कि आईटीआर फाइलिंग के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले नौ सालों में औसत आय का त्रि-गुना वृद्धि हुई है। यह वृद्धि यह सूचित करती है कि भारत में विभिन्न क्षेत्रों में मज़बूती बढ़ी है और नौकरी के अवसर भी बढ़े हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी उजागर किया कि 2014 से पहले देश में भ्रष्टाचार और घोटालों का दौर था, जब गरीबों के अधिकार और धन के अपहरण की प्रथा चल रही थी। लेकिन अब, हर रुपया सीधे उनके बैंक खातों में पहुंच रहा है।
बीपीएल से 13.5 करोड़ लोग उद्धारित
प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो संदेश के माध्यम से ‘मध्य प्रदेश रोजगार मेले’ को संबोधित करते हुए बताया कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पांच सालों में 13.5 करोड़ लोग बीपीएल (बीपीएल) कैटेगरी से बाहर आए हैं। वे यह भी बताए कि ‘अमृत काल’ की शुरुआत में ही सकारात्मक समाचार सुनाई देने लगे हैं, जो समृद्धि की ऊंचाइयों की ओर इशारा करते हैं और गरीबी कम हो रही है।
औसत आय में तीन गुना वृद्धि
प्रधानमंत्री ने बताया कि आयकर रिटर्न (ITR) के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले नौ सालों में भारतीयों की औसत आय चार लाख रुपये से बढ़कर तेरह लाख रुपये हो गई है। उन्होंने बताया कि लोग नीचे से ऊपर की ओर आर्थिक गतिशीलता की ओर बढ़ रहे हैं। मोदी ने कहा कि आंकड़ों से स्पष्ट हो रहा है कि सभी क्षेत्रों में प्रगति हो रही है और नौकरी के अवसर बढ़ रहे हैं।
इकॉनॉमी रैंकिंग में उच्चतम पायदान पर
प्रधानमंत्री ने बताया कि लोगों की आत्मविश्वास बढ़ती जा रही है। वे अब यकीन कर रहे हैं कि उनका निवेश देश के विकास में ही नहीं, बल्कि उनके आत्मा के विकास में भी सहायक हो रहा है। भारत की इकॉनॉमी दुनिया में 2014 में 10वें स्थान से अब 5वें स्थान पर पहुँच गई है। 2014 से पहले भ्रष्टाचार और घोटालों के युग में गरीबों के अधिकार और धन को लूट लिया जाता था। अब, हर रुपया सीधे उनके खातों में पहुँच रहा है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि निवेश के परिणामस्वरूप नए रोज़गार के अवसर पैदा हुए हैं और 2014 के बाद भारत में पांच लाख नए कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए गए हैं, जिससे कई लोगों को रोजगार मिला है। इसी मौके पर, 5,580 नए शिक्षकों की नियुक्ति हुई है।